बहादुर चीनू और चोर .

एक बार की बात है एक शहर में एक छोटा बच्चा चीनू अपने मम्मी-पापा के साथ अप्पार्टमेन्ट रहता था. वह 6 साल का था और बहुत बहादुर और होशियार था. एक दिन उसके मम्मी-पापा को बाज़ार जाना था.मम्मी ने चीनू से कहा- “ बेटा चीनू, हमें राशन लेने  बाज़ार जाना है, जल्दी से तैयार हो जाओ. लेकिन चीनू टीवी में कार्टून देख रहा था और उसे जाने का बिलकुल मन न था. उसके पापा ने भी कहा – “बेटा तुम अकेले नहीं रह पाओगे .” लेकिन उसने अपने मम्मी-पापा की एक न सुनी और न जाने की जिद्द पर अड़ा रहा. उसकी जिद्द क आगे हार कर मम्मी ने चीनू से कहा-” ठीक है, अंदर से दरवाज़ा लगा लेना और अपना ध्यान रखना. हम जल्दी से वापस आ जाएंगे.” चीनू ने हाँ बोला लेकिन दरवाज़ा लगाने नहीं गया. वो अंदर अपने बैडरूम में ही टीवी देखता रहा.

थोड़ी देर बाद अचानक एक लम्बा, मूछों वाला, खतरनाक सा दिखने वाला आदमी उसके सामने आ कर खड़ा हो गया. चीनू बहुत डर गया और उसको अब याद आया की उसने दरवाज़ा अंदर से बंद नहीं किया था. मूछो वाले आदमी ने कहा- “ऐ लड़के जल्दी से बता पैसे कहाँ हैं सारे और तेरे सारे खिलौने कहाँ हैं ?” चीनू घबरा गया और चिल्लाने लगा. मूछों वाले आदमी ने उसका मुँह अपने हथेली से दबा दिया ताकि वो चिल्ला न सके और उस आदमी ने चीनू के हाथ में रस्सी बाँध दी.

थोड़ी देर बाद जब चीनू शांत हो गया तब उसने खुद का हाथ चीनू के मुँह से हटाया और बोला-” अब चिल्लाना नहीं, वार्ना मैं तुम्हारी पिटाई करूँगा और मेरे सवाल का धीमी आवाज़ में जवाब दो.”

घबराए हुए चीनू ने अब अपना दिमाग लगाना शुरू किया और बोला-” आप चोर हो मैं समझ गया हूँ और मैं सब बताऊंगा लेकिन अभी मुझे प्यास लगी है, गाला सूख रहा है, बिना पानी पीये मैं कुछ नहीं बोल पाऊँगा. एक बार मेरे हाथ खोल दो और रसोई से पानी पी कर आने दो फिर बताता हूँ सब.”

चोर ने भी सोचा जाने दो ,  वैसे भी ये छोटा बच्चा क्या कर लेगा. चोर ने चीनू के हाथ खोल दिए और उसके किचन से लौट के आने का इंतज़ार करने लगा.

चीनू बहुत बहादुर और होशियार था. उसने अपनी सूझ-बूझ का इस्तेमाल किया. वो किचन में गया और मिर्ची के डिब्बे में से दोनों हाथों में मिर्ची भर ली और हाथ पीछे छुपा कर चोर के सामने गया.

चोर ने चीनू को देख के पुछा – “ ऐ लड़के हाथ क्यों पीछे हैं, उसमे क्या है?”

चीनू ने कोई जवाब नहीं दिया और दोनों हाथो की मिर्ची चोर की आँख में जल्दी से डाल दी. अब चोर जलन से चिल्लाने लगा उईईई माँ- उईईई माँ और पानी ढूंढने लगा आँख धोने के लिए. इतनी देर में चीनू ने फटाफट दरवाज़ा खोला, घर से  बहार भाग गया और दरवाज़ा बहार से बंद कर दिया. चोर अंदर बंद ही हो गया.फिर उसने जल्दी से अपने पड़ोस वाले अंकल के घर की घंटी बजाई और उनको सब कुछ बताया. अंकल ने भी जल्दी से चीनू के पापा को कॉल किया और सब बता दिया. चीनू के मम्मी-पापा जल्दी से घर आ गए और सबसे पहले चीनू को गले लगाया, फिर चीनू के पापा ने पुलिस को कॉल किया. पुलिस कॉल सुनते  ही थोड़ी देर में आ गयी और चीनू के घर का दरवाज़ा खोल कर चोर को पकड़ लिया. चोर अभी भी मिर्ची की जलन से घबरा रहा था और बोल रहा था की मुझे छोटे से बच्चे को कम नहीं समझना चाहिए था. पुलिस ने अब चोर के हाथों में हत्कडी लगाई और उसे जेल में बंद कर दिया. इस तरह चीनू ने अपनी सूझ-बूझ से अपने घर में  चोरी होने से बचा लिया और एक खतरनाक चोर को भी पकड़वाया.

सबने चीनू को शाबाशी दी और उसकी बहादुर की तारीफ करि. चीनू भी खुद पर गर्व महसूस करने लगा.

बहादुर चीनू और चोर कहानी से शिक्षा:

1) किसी को भी कभी कमज़ोर मत समझो.

2) किसी भी स्तिथि में घबराओ नहीं. अपनी सूझ-बुझ का उपयोग करो और समस्या से बहार आने के रास्ते खोजो.    

3) मम्मी-पापा का कहना मानो.